Bad Blood 2024: दोस्ती या दुश्मनी? चार धोखे
2024 का लोकसभा चुनाव भारत के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। इस चुनाव में दो मुख्य दलों, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC), के बीच टकराव पहले से ही तेज हो गया है। इस टकराव को 'बैड ब्लड' कहा जा सकता है, जो पिछले कुछ सालों से बढ़ रहा है।
इस 'बैड ब्लड' के पीछे कई कारण हैं। 2019 में BJP की जीत, कांग्रेस की लगातार हार, और दोनों दलों के बीच राजनीतिक विचारधाराओं का अंतर, सभी 'बैड ब्लड' में योगदान दे रहे हैं।
इस चुनाव में 'बैड ब्लड' को और बढ़ाने वाले चार प्रमुख धोखे हैं:
1. नौकरी का झूठा वादा:
2019 के चुनाव में, BJP ने नौकरी के अवसर बढ़ाने का वादा किया था। लेकिन, आज भी बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। इस झूठे वादे ने नौजवानों में BJP के प्रति नाराजगी पैदा की है, जिससे कांग्रेस को फायदा हो सकता है।
2. किसानों की अनदेखी:
किसानों के साथ हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद भी, BJP सरकार किसानों की समस्याओं को हल करने में असफल रही है। इससे किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी है, जो कांग्रेस को वोट दे सकती है।
3. महंगाई का दंश:
पिछले कुछ वर्षों में, देश में महंगाई बहुत बढ़ गई है। खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। BJP सरकार महंगाई को नियंत्रित करने में विफल रही है, जिससे आम जनता में निराशा है।
4. जनता की आवाज को दबाना:
BJP सरकार विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर लगातार दबाव डाल रही है। कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, और कई पर झूठे मामले दर्ज किए गए हैं। इस तरह से सरकार जनता की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
क्या यह 'बैड ब्लड' 2024 के चुनाव परिणामों को प्रभावित करेगा?
यह कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन यह साफ है कि 'बैड ब्लड' दोनों दलों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा। कांग्रेस इस 'बैड ब्लड' को अपने पक्ष में बदलने की कोशिश करेगी, जबकि BJP इसे कम करने के लिए जनता को लुभाने का प्रयास करेगी।
2024 के चुनाव में, जनता ही तय करेगी कि कौन सी पार्टी उनके लिए बेहतर है। 'बैड ब्लड' के बावजूद, जनता यह भी तय करेगी कि क्या वे BJP सरकार को दोबारा मौका देना चाहते हैं या नहीं।