नवरात्रि 2023: स्कंदमाता की पूजा विधि
नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए समर्पित है। नवरात्रि के नौ दिनों में, हर दिन एक देवी की पूजा की जाती है। नवरात्रि के छठे दिन माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
स्कंदमाता कौन हैं?
माँ स्कंदमाता नव दुर्गाओं में छठी देवी हैं। इनके माथे पर कमल पुष्प सजा हुआ है, और वे अपने हाथों में कमल और स्कंद कुमार को धारण करती हैं। स्कंद कुमार, कार्तिकेय के नाम से भी जाने जाते हैं, युद्ध के देवता हैं और माँ पार्वती के पुत्र हैं।
स्कंदमाता पूजा विधि
स्कंदमाता की पूजा विधि निम्नलिखित है:
- प्रातःकाल स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
- घर के मंदिर को साफ करें और माँ स्कंदमाता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- माँ स्कंदमाता को लाल रंग के फूल, लाल रंग के वस्त्र, लाल रंग का चंदन, लाल रंग की मिठाई, लाल रंग का फल, लाल रंग का रोली चढ़ाएं।
- माँ को घी का दीपक, अगरबत्ती और धूप जलाकर अर्पित करें।
- माँ स्कंदमाता की आरती गाएं और उन्हें भोजन का भोग लगाएं।
- माँ स्कंदमाता से अपने मन की इच्छाओं को पूर्ण करने की प्रार्थना करें।
स्कंदमाता मंत्र
सिद्ध सिद्धि स्कंदमाता, शिवपत्नी,
नमस्ते नमस्ते, श्री स्कंदमाता।
स्कंदमाता पूजा का महत्व
स्कंदमाता की पूजा से ज्ञान, बुद्धि, सफलता और धन प्राप्त होता है। यह देवी बच्चों के लिए भी आशीर्वाद लेकर आती हैं।
नवरात्रि के दौरान स्कंदमाता की पूजा करने से आप:
- ज्ञान और बुद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
- अपने लक्ष्यों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
- धन और समृद्धि पा सकते हैं।
- बच्चों के लिए आशीर्वाद ले सकते हैं।
- जीवन में शांति और सुख पा सकते हैं।
निष्कर्ष
स्कंदमाता की पूजा करने से आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इस नवरात्रि, माँ स्कंदमाता की पूजा करें और उनसे अपनी सभी इच्छाओं को पूर्ण करने का आशीर्वाद मांगें।